
ब्लॉगिंग हिन्दी vs इंग्लिश:- हर एक नए ब्लॉगर के मन में एक ही शंका रहती है, की हम अपना ब्लॉग हिंदी में शुरू करे या अंग्रेजी में, तो इस विषय में आपको एक बात साफ कर दूं, की अपनी-अपनी जगह दोनों भाषाओं का अपना अपना महत्व है।
जैसे:- मोबाईल रिचार्ज में २ प्लान होते है, पहला लिमिटेड और दूसरा अनलिमिटेड तो यहां लिमिटेड की तुलना हिंदी ब्लॉगिंग से और अनलिमिटेड की तुलना अंग्रेजी के ब्लॉगिंग से की गई है।
हिंदी ब्लॉगिंग [Hindi Blogging]:-
तो आईए सबसे पहले हिंदी ब्लॉगिंग के बारे में जान लेते है, हिंदी में ब्लॉगिंग करना कोई बुरी या शर्म की बात नहीं है, हिंदी तो अपनी राष्ट्रभाषा है। लेकिन हिंदी ब्लॉगिंग की एक वीक प्वाइंट है उसमें आप सिर्फ और सिर्फ इंडिया तक की सिमट कर रह जाओगे क्यों की जो हिंदी भाषा है, वह सिर्फ इंडिया में बोली और सुनी जाती है, इसलिए जब आप हिंदी में ब्लॉग बनाकर आर्टिकल लिखोगे तो सिर्फ इंडिया वाले ही उस पढ़ेंगे और पसंद भी करेंगे वहीं दूसरी तरफ अगर कोई इंडिया के बाहर का विजिटर आपकी साइट पर गलती से एक बार Visit कर भी दिया तो वह हिंदी में Article को देखकर दुबारा आपकी साइट पर Visit नहीं करेगा।
और रही रेवेन्यू की बात तो इंडियन जाहिरात पर एक क्लिक पर काफी कम रेवेन्यू मिलता है। लेकिन जिस प्रकार से हिंदी में ब्लॉगर की संख्या भारत में तेजी से बढ़ रही है, उसे देखकर ऐसा लगता है की आने वाले भविष्य में हिंदी ब्लॉगरों [Hindi Blogger] का भविष्य [Future] उज्जवल होगा लेकिन कितना भी उज्जवल हो विजिटर तो आपको इंडिया से ही मिलेंगे।
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अंग्रेजी ब्लॉगर [English Blogging]:-
अब हम थोड़ा बहुत अंग्रेजी ब्लॉगिंग के बारे में भी जान लेते है, तो यह जो अंग्रेजी भाषा है वह पूरे विश्व में बोली और सुनी जाती और हर एक मुल्क के लोग बोलते है और इसे समझते भी है| इसलिए जब आप अपना ब्लॉग अंग्रेजी [English] में बनाओगे तो उसे न सिर्फ इंडिया वाले बल्की पूरी विश्व वाले पढ़ेंगे और समझेंगे और उससे आपको यह लाभ मिलेगा की आपकी वेबसाईट पर जो ट्रैफिक है वह हिंदी ब्लॉग के मुकाबले अंग्रेजी ब्लॉग पर अधिक आयेगा और अगर आप ब्लॉगिंग करते हो तो आप यह तो जानते ही होंगे की इंडिया कें मुकाबले दूसरे देशों से आने वाले जाहीरात [Ads] पर जो रेवेन्यू मिलता है एक क्लिक का वह इंडिया की मुकाबले काफी ज्यादा होता है।
यही सब वजह होती है, की लोग हिंदी के मुकाबले अंग्रेजी में ब्लॉगिंग करना अधिक पसंद करते है। और अंग्रेजी [English Blog] का ब्लॉग हिंदी से आगे निकल जाता है। लेकिन एक बात यह भी है की इंडिया में आज भी बहुत से लोगो को अच्छे से अंग्रेजी नहीं आती है, इसलिए अगर वो ब्लॉगिंग करना चाहते भी है तो हिंदी में ब्लॉगिंग करना उनकी मजबूरी बन जाता है, और वह लाख चाहकर भी अंग्रेजी में ब्लॉगिंग नहीं कर पाते है।
शायद हिंदी ब्लॉगरों की बढ़ती संख्या को देखकर इंडिया में भी वेबसाइट [Blogging Hindi Website] पर आनें वाली जाहिरत [Ads] का जो रेवेन्यू है, वह भी भविष्य में अधिक जनरेट होने लगे। इसलिए कुछ कहा नहीं जा सकता भविष्य के बारे में की कब क्या काया पलट हो जाय। फिलहाल अगर आज देखा जाय तो अंग्रेजी ब्लॉगरों का बोल बाला हिंदी ब्लॉगरों से ज्यादा है।
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बहुत अच्छी जानकारी शेयर की आपकी artical से बहुत कुछ सीखने को मिला धन्यवाद
http://www.hinditextmp.com/types-of-computer-virus/
Thanks for comment